Wednesday, February 11, 2009

कुछ और बातें


जिंदगी फलसफों पे गुजारी नही जाती !
आबो-हवा बदलने से बीमारी नही जाती !!

शबनम सी खो जाती है बीती यादें ,
वो पहले प्यार की खुमारी नही जाती !

मानता हूँ कितना झूठ है यहाँ रिश्तों का सच,
कुछ कड़ियाँ फ़िर भी बचती है,सारी नही जाती !

आदत है ठुकराए जाने की हम दरख्तों को,
पर बहार में जवाँ होने की बेकरारी नही जाती !

जहाँ भर की जिल्लत से डरे वो आशिक नही,
बाज़ी दिल की जीती जाती है ,हारी नही जाती !

अपने ही निगेह्बानों को भुला देते है लोग 'रोबिन',
बस ख़ास दौड़ता है यहाँ ,आम सवारी नही जाती !

2 comments:

  1. WAAHHHH.. maza aa gaya shahzaade.. College time ki yaad aa gayi yeh lines fir se dekh kar !!!

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  2. thnx bhaai..
    aisa hona bhi chahiye ..nahi to faayada kya likhne ka :)

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