जिंदगी फलसफों पे गुजारी नही जाती !
आबो-हवा बदलने से बीमारी नही जाती !!
शबनम सी खो जाती है बीती यादें ,
वो पहले प्यार की खुमारी नही जाती !
मानता हूँ कितना झूठ है यहाँ रिश्तों का सच,
कुछ कड़ियाँ फ़िर भी बचती है,सारी नही जाती !
आदत है ठुकराए जाने की हम दरख्तों को,
पर बहार में जवाँ होने की बेकरारी नही जाती !
जहाँ भर की जिल्लत से डरे वो आशिक नही,
बाज़ी दिल की जीती जाती है ,हारी नही जाती !
अपने ही निगेह्बानों को भुला देते है लोग 'रोबिन',
बस ख़ास दौड़ता है यहाँ ,आम सवारी नही जाती !
आबो-हवा बदलने से बीमारी नही जाती !!
शबनम सी खो जाती है बीती यादें ,
वो पहले प्यार की खुमारी नही जाती !
मानता हूँ कितना झूठ है यहाँ रिश्तों का सच,
कुछ कड़ियाँ फ़िर भी बचती है,सारी नही जाती !
आदत है ठुकराए जाने की हम दरख्तों को,
पर बहार में जवाँ होने की बेकरारी नही जाती !
जहाँ भर की जिल्लत से डरे वो आशिक नही,
बाज़ी दिल की जीती जाती है ,हारी नही जाती !
अपने ही निगेह्बानों को भुला देते है लोग 'रोबिन',
बस ख़ास दौड़ता है यहाँ ,आम सवारी नही जाती !
WAAHHHH.. maza aa gaya shahzaade.. College time ki yaad aa gayi yeh lines fir se dekh kar !!!
ReplyDeletethnx bhaai..
ReplyDeleteaisa hona bhi chahiye ..nahi to faayada kya likhne ka :)