Monday, August 24, 2009

नजाकत

उसकी आँखों में अपनी परछाई हो
फिर आईने की चाहत किसे

शाम
ढले गुलाबी आँचल की सोहबत हो
फिर सोने की फुरसत किसे




नहाई
जुल्फों से छिटकती बूँदें मेरे चेहरे पे
फिर बताइये कहें नजाकत किसे

सरे-राह 'रोबिन' इश्क करे अपने माही से
भले हो तो हो शिकायत किसे

वो जरीपोश शरीक हो जाए वजूद में मेरे
फिर जन्नत क्या और जरूरत किसे




Sunday, August 23, 2009

नाज़नीं पल



पल में बनता हूँ, पल में बिखरता हूँ|
तेरे प्यार में हर रोज़ सँवरता हूँ।
ये मासूम सा मुखड़ा,
ये कमसिन अदाएँ,
यूँ तिरछी चितवन से एकटक निहारना
वो शरमाके भवें उठाना,
नाक सिकोड़ना उसका छोटी सी चुटकी पे,
गरदन झटकाना हलकी झपकी पे,
उँगलियों से अपनी मेरी हथेली कुरेदना,
ठंडी बयार में ख़ुद को समेटना,
गागर से छलकते ज्यों उसके बोल,
रुखसारों पे लाली लिए
बांसुरी सी सुरीली वो गोल-मटोल,
छू ना हो जाए ये जन्नत कहीं
सो पलकें गिराने से भी डरता हूँ !
इसी तरह तू मुझ पर बरसती है घटा सी,
और मैं यूँ ही तुझमें बहकता हूँ।
पल में तरसता हूँ, पल में महकता हूँ !
तेरे प्यार में हर रोज़ संवरता हूँ !!-


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Monday, August 17, 2009

ख्वाहिश या दर्द

यादें तेरी सिरहाने रख के क्या सोये ,
नींद बाद मुद्दत के हमको खालिस लगी।

एक-दो अश्क ढुलकते रहे तन्हाइयों में,
तेरे सामने रोये तो बारिश लगी।

फैसला तेरा हो भले हमें ठुकराने का,
पर मुझे तो ये ज़माने की साजिश लगी।

लाल जोड़े में देखा जो तुझे आज शाम,
ना जाने दिल को ये कैसी ख्वाहिश लगी।

तू मेरी थी ना, फ़िर क्यूँ कल तेरी आंखों में,
वो नमी किसी और की सिफारिश लगी।

भूलूँ कैसे 'रोबिन' कि तू किसी और का नूर हो गया,
बेशक अधूरी हो,पर मुहब्बत अपनी नाजिश लगी।

Monday, August 10, 2009

मेहमान मेरा


शहनाई सी बजती है रात भर कानों में,
एक चेहरा उभर आता है शब् के पैमानों में।

बेवक्त तारे गिने, गूंथकर देखा जिंदगी को !
कमी रही एक की, ढूंढें ना मिला सौ आसमानों में !!

आंसुओं से नमकीन है तकिये का गिलाफ,
ध्यान से चख ना ले कोई, गिन ले दीवानों में !!

मिलने वालों की दस्तक दिन भर इस दर पे,
एक मेहमान मेरा भी हो कभी इन् मेहमानों में !!

तनिक सी मदद को अहसान कर लेता है वो,
मेरे अनकहे इश्क को भी शामिल कर ले अहसानों में !!

हजारों मस्ताने हैं इस शमा के, क्या हुआ जो ,
एक परवाना और जल गया इतने परवानों में !!

एकतरफा उल्फत का अंजाम उसे तय करना है,
इनकार हुआ, तो दिल भी बाँध लेंगे रखे सामानों में !!

वो मेरा बनेगा ये भरम टूटा है आज 'रोबिन' ,
शायद कहीं कोई सिफर रह गया दिल के अरमानों में !!
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