शहनाई सी बजती है रात भर कानों में,
एक चेहरा उभर आता है शब् के पैमानों में।
बेवक्त तारे गिने, गूंथकर देखा जिंदगी को !
कमी रही एक की, ढूंढें ना मिला सौ आसमानों में !!
आंसुओं से नमकीन है तकिये का गिलाफ,
ध्यान से चख ना ले कोई, गिन ले दीवानों में !!
मिलने वालों की दस्तक दिन भर इस दर पे,
एक मेहमान मेरा भी हो कभी इन् मेहमानों में !!
तनिक सी मदद को अहसान कर लेता है वो,
मेरे अनकहे इश्क को भी शामिल कर ले अहसानों में !!
हजारों मस्ताने हैं इस शमा के, क्या हुआ जो ,
एक परवाना और जल गया इतने परवानों में !!
एकतरफा उल्फत का अंजाम उसे तय करना है,
इनकार हुआ, तो दिल भी बाँध लेंगे रखे सामानों में !!
वो मेरा बनेगा ये भरम टूटा है आज 'रोबिन' ,
शायद कहीं कोई सिफर रह गया दिल के अरमानों में !!
एक चेहरा उभर आता है शब् के पैमानों में।
बेवक्त तारे गिने, गूंथकर देखा जिंदगी को !
कमी रही एक की, ढूंढें ना मिला सौ आसमानों में !!
आंसुओं से नमकीन है तकिये का गिलाफ,
ध्यान से चख ना ले कोई, गिन ले दीवानों में !!
मिलने वालों की दस्तक दिन भर इस दर पे,
एक मेहमान मेरा भी हो कभी इन् मेहमानों में !!
तनिक सी मदद को अहसान कर लेता है वो,
मेरे अनकहे इश्क को भी शामिल कर ले अहसानों में !!
हजारों मस्ताने हैं इस शमा के, क्या हुआ जो ,
एक परवाना और जल गया इतने परवानों में !!
एकतरफा उल्फत का अंजाम उसे तय करना है,
इनकार हुआ, तो दिल भी बाँध लेंगे रखे सामानों में !!
वो मेरा बनेगा ये भरम टूटा है आज 'रोबिन' ,
शायद कहीं कोई सिफर रह गया दिल के अरमानों में !!
bahut unmada nazm hai dost..
ReplyDeletekeep it up!
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