पल में बनता हूँ, पल में बिखरता हूँ|
तेरे प्यार में हर रोज़ सँवरता हूँ।
ये मासूम सा मुखड़ा,
ये कमसिन अदाएँ,
यूँ तिरछी चितवन से एकटक निहारना
वो शरमाके भवें उठाना,
नाक सिकोड़ना उसका छोटी सी चुटकी पे,
गरदन झटकाना हलकी झपकी पे,
उँगलियों से अपनी मेरी हथेली कुरेदना,
ठंडी बयार में ख़ुद को समेटना,
गागर से छलकते ज्यों उसके बोल,
रुखसारों पे लाली लिए
बांसुरी सी सुरीली वो गोल-मटोल,
छू ना हो जाए ये जन्नत कहीं
सो पलकें गिराने से भी डरता हूँ !
इसी तरह तू मुझ पर बरसती है घटा सी,
और मैं यूँ ही तुझमें बहकता हूँ।
पल में तरसता हूँ, पल में महकता हूँ !
तेरे प्यार में हर रोज़ संवरता हूँ !!-२
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तेरे प्यार में हर रोज़ सँवरता हूँ।
ये मासूम सा मुखड़ा,
ये कमसिन अदाएँ,
यूँ तिरछी चितवन से एकटक निहारना
वो शरमाके भवें उठाना,
नाक सिकोड़ना उसका छोटी सी चुटकी पे,
गरदन झटकाना हलकी झपकी पे,
उँगलियों से अपनी मेरी हथेली कुरेदना,
ठंडी बयार में ख़ुद को समेटना,
गागर से छलकते ज्यों उसके बोल,
रुखसारों पे लाली लिए
बांसुरी सी सुरीली वो गोल-मटोल,
छू ना हो जाए ये जन्नत कहीं
सो पलकें गिराने से भी डरता हूँ !
इसी तरह तू मुझ पर बरसती है घटा सी,
और मैं यूँ ही तुझमें बहकता हूँ।
पल में तरसता हूँ, पल में महकता हूँ !
तेरे प्यार में हर रोज़ संवरता हूँ !!-२
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shoo cute... bahut pyaari h
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