कितनी अजिअत से उसने मुझ को भुलाया होगा !
मेरी धुंधली यादों ने उसे खूब रुलाया होगा !!
बात बे-बात आंख उस की जो छलकती होगी,
उस ने चेहरे को बाजुओं में छुपाया होगा !
सोचा होगा उस ने दिन में कई बार मुझे,
नाम हथेली पे भी लिख लिख के मिटाया होगा !
जहां उस ने मेरा ज़िक्र सुना होगा किसी से,
उस की आँखों में कोई आंसू तो आया होगा !
रात के भीगने तक नींद न आई होगी ,
तू ने तकिये को भी सीने से लगाया होगा!
हो के निढाल मेरे यादों से तू ने जाना,
मेरी तस्वीर पे सर अपना टिकाया होगा !
पुछा होगा जो किसी ने तेरी हालत का सबब,
तूने बातों में खूब उस से छुपाया होगा!
जब कभी चाँद को देखा होगा अकेले तू ने,
तुझे मेरा साथ बार-बार याद आया होगा !!
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